Tokyo Games: नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, बने एथलेटिक्स में ओलंपिक गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय
नीरज चोपड़ा बने ओलंपिक में एथलेटिक्स गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय (तस्वीर साभार: Olympics/Twitter)
नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को ओलंपिक में एथलेटिक्स (Athletics) का पहला गोल्ड मेडल (Gold Medal) दिलाया।
23 वर्षीय नीरज चोपड़ा ने रविवार (7 अगस्त) को जैलविन थ्रो (भाला फेंक) में 87.58 मीटर दूर तक भाला फेंक कर भारत को टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) का पहला गोल्ड मेडल दिलाया।
भारत के ओलंपिक खेलों के इतिहास में ये केवल दूसरा व्यक्तिगत गोल्ड मेडल है। इससे पहले अभिनव बिंद्रा (Abhinav Bindra) ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में शूटिंग का गोल्ड मेडल जीता था।
अपने दमदार प्रदर्शन के दम पर भारत ने वर्तमान ओलंपिक में अपना सातवां मेडल जीता, जो एक ओलंपिक में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले भारत ने 2012 लंदन ओलंपिक में भारत ने छह मेडल जीते थे।
नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक गोल्ड से रचा इतिहास (Neeraj Chopra win olympic gold in Athletics)
नीरज चोपड़ा ने दमदार प्रदर्शन से टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में गोल्ड जीतते हुए नया इतिहास रचा। इसके साथ ही नीरज चोपड़ा ओलंपिक में व्यक्तिगत मेडल जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गए।
-नीरज चोपड़ा एथलेटिक्स में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने।
-नीरज चोपड़ा ओलंपिक में एथलेटिक्स में कोई भी मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने।
-नीरज चोपड़ा बने ओलंपिक में व्यक्तिगत गोल्ड जीतने वाले दूसरे भारतीय।
-भारत के लिए पहला ओलंपिक गोल्ड 2008 बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने जीता था।
-भारत के 121 सालों के ओलंपिक इतिहास में ये केवल दूसरा व्यक्तिगत गोल्ड मेडल है।
-भारत ने ओलंपिक में अब तक कुल 10 गोल्ड मेडल जीते है। इनमें से 8 गोल्ड उसने हॉकी में जीते हैं।
-नीरज चोपड़ा एथलेटिक्स में ओलंपिक गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय हैं। इससे पहले मिल्खा सिंह (1960 रोम ओलंपिक) और पीटी ऊषा (1984 लॉस एंजिलस ओलंपिक) ने बहुत मामूली अंतर से ओलंपिक मेडल गंवा दिया था।
A special day for @Neeraj_Chopra1 and a special day for @WeAreTeamIndia! 🥇
It's a first gold medal at #Tokyo2020 and a first ever athletics gold for #IND pic.twitter.com/qF4BIXSK93
— Olympics (@Olympics) August 7, 2021
नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर थ्रो के साथ जीता गोल्ड
नीरज चोपड़ा ने क्वॉलिफिकेशन राउंड में शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई थी और वह मेडल जीतने के प्रबल दावेदारों में शामिल थे।
चोपड़ा ने 87.03 मीटर के थ्रो के साथ पहले राउंड में बढ़त लेते हुए शुरुआत की थी। अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने और बेहतर प्रदर्शन किया और 87.58 मीटर थ्रो किया। अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने 76.79 मीटर का थ्रो किया।
एक बड़े उलटफेर में गोल्ड के दावेदार माने जा रहे जर्मनी के जोहानेस वेटर अपने तीन प्रयासों में टॉप-8 में जगह बना पाने में नाकाम रहने के बाद पदक की दौड़ से बाहर हो गए।
नीरज चोपड़ा का चौथा और पांचवा प्रयास फाउल था, लेकिन वह लीडरबोर्ड में शीर्ष पर रहे। उनका आखिरी थ्रो औपचारिकता रह गया था, क्योंकि उनके सभी प्रतिद्वंद्विंयों के सभी प्रयास पहले ही असफल हो गए थे। उन्होंने अपने आखिरी प्रयास में 84.24 मीटर की दूरी तय की।
चेक के जैवलिन थ्रोअर वादलेच ने अपने दूसरे प्रयास में 86.6 मीटर का थ्रो किया, वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी वेस्ले ने 85.44 मीटर की दूरी के साथ ब्रॉन्ज मेडल किया।
