Hanuman Jayanti 2019: जानिए कब मनाई जाएगी हनुमान जयंती, इस दिन बन रहा है ये खास ‘संयोग’

हनुमान जंयती 2019 में 19 अप्रैल को मनाई जा रही है

हनुमान जयंती का पर्व भगवान हनुमान के जन्मोत्व के रूप में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां रुद्र अवतार माना जाता है।

हनुमान जयंती का पर्व चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। भगवान राम के परम भक्त हनुमान का प्राकट्य इसी दिन हुआ था। इस बार हनुमान जयंती 19 अप्रैल (शुक्रवार) को है।

इस शुभ दिन भक्त हनुमान जी की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। इस दिन बजरंगबली की पूजा करने से इच्छित फल मिलते हैं और शत्रु पर विजय प्राप्त होती है।

कब मनाई जाएगी इस बार हनुमान जयंती

इस साल हनुमान जयंती 18 अप्रैल (गुरुवार) को शाम 7 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर, अगले दिन 19 अप्रैल को शाम 4 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। पंडितों के मुताबिक इस हनुमान जयंती पर चित्रा और त्रिपुष्कर योग का संयोग कई वर्षों बाद बन रहा है।

चिंरजीवी हैं हनुमान जी

हनुमान जी अजर और अमर हैं और रामाज्ञा से उनके लोककल्याण के लिए आज भी धरती पर सशरीर विराजमान हैं। वह कलियुग के अंत तक धर्म की रक्षा के लिए पृथ्वी पर रहेंगे। कहा जाता है कि धरती पर जहां भी कहीं रामकथा होती है, हनुमान जी वहां किसी ने किसी रूप में अवश्य मौजूद होते हैं।

कैसै मनाया जाती है हनुमान जयंती

भक्त इस दिन मंदिरों में जाते हैं और भगवान हनुमान की मूर्ति पर सिंदूर से तिलक लगाते हैं। हनुमान जी के पूरे शरीर पर सिंदूर लगाने के पीछे एक रोचक कथा है। कहा जाता है कि एक बार हनुमान जी ने सीता माता को अपनी मांग में सिंदूर लगाते देखा और इसकी वजह पूछी तो सीता जी ने जवाब में कहा कि ऐसा करने से उनके पति (भगवान श्रीराम) को दीर्घायु प्राप्त होगी। तो राम भक्त हनुमान ने अपने प्रभु की अमरता के लिए अपने पूरे शरीर पर ही सिंदूर लगा लिया। तब से हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर लगाने का चलन है और आज भी मंदिरों में भक्त हनुमान जी की इसी रूप में पूजा करते हैं।

हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं, इसलिए उन्हें जनेऊ भी पहनाई जाती है और इनकी मूर्ती पर चांदी का वक्र चढ़ाया जाता है। हनुमान जयंती के दिन उपवास भी रखा जाता है और इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। संध्या में हनुमानजी मुखी मूर्ति के सामने मंत्रों का जाप करना चाहिए। साथ ही इस दिन हनुमान चालासी और सुंदरकाण्ड का पाठ करना भी शुभ माना जाता है।

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