आदर्श आचार संहिता क्या है? हर चुनाव से पहले क्यों की जाती है लागू?

चुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) हो जाती है लागू, जानिए क्या है आदर्श आचार संहिता क्यों होती है लागू?

Model Code of Conduct

देश में चुनावों की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है आदर्श आचार संहिता या मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट।

Model Code of Conduct: 18वीं लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने शनिवार (16 मार्च 2023) को लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा करते हुए बताया कि आम चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून तक यानी 7 चरणों में होंगे और चुनाव परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे।

चुनाव आयोग द्वारा घोषित लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहले चरण के लिए वोटिंग 19 अप्रैल, दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल, तीसरा चरण 7 मई, चौथा चरण 13 मई, पांचवां चरण 20 मई, छठा चरण 25 मई और सातवां चरण 1 जून को होगा। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।

भारत में चुनाव आयोग द्वारा चुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता या मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट यानी MCC लागू हो जाती है, जो चुनाव परिणाम घोषित होने तक जारी रहती है।

दरअसल, आदर्श आचार संहिता चुनावों के दौरान उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए दिशानिर्देशों का एक सेट होता है। आदर्श आचार संहिता को लागू करने का उद्देश्य निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना होता है।

आचार संहिता लागू होने के बाद उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को आचार संहिता के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होता है।

आचार संहिता का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। साथ ही आदर्श आचार संहिता सरकारों को चुनाव से पहले किसी भी लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा करने से भी रोकती है।

आदर्श आचार संहिता क्या है? (What is Model Code of Conduct)

आदर्श आचार संहिता चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के प्रचार को रेगुलेट या नियमित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी किया जाने वाला दिशानिर्देशों का एक सेट है।

इसका मुख्य उद्देश्य मतदाताओं को प्रभावित करने वाली या मतदान प्रक्रिया को बाधित करने वाली किसी भी गतिविधि को रोककर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है।

आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू होने के बाद क्या होता है?

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार नई परियोजनाएं नहीं शुरू कर सकती या नई परियोजनाओं की आधारशिला नहीं रख सकती।

चुनाव की घोषणा होने के बाद अधिकारी बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित वादे नहीं कर सकते, जैसे सड़कों का निर्माण या पेयजल सुविधाओं का प्रावधान आदि।

चुनाव की घोषणा होने के बाद उम्मीदवारों को वित्तीय अनुदान की घोषणा करने से रोक दिया जाता है।

सरकारी या सार्वजनिक उपक्रमों में मतदाताओं को प्रभावित करने वाली एड-हॉक नियुक्तियों पर रोक लग जाती है।

मंत्री या उम्मीदवार विवेकाधीन निधि से अनुदान या भुगतान स्वीकृत नहीं कर सकते।

चुनाव प्रचार के लिए गाड़ी, मशीनरी और सुरक्षा कर्मियों सहित किसी भी सरकारी संसाधनों का उपयोग पर पूरी तरह से रोक रहती है।

नगर पालिकाओं को समान शर्तों पर चुनावी प्रतिभागियों और राजनेताओं की सभाओं के लिए सार्वजनिक क्षेत्रों में निःशुल्क पहुंच प्रदान करनी चाहिए।

विश्राम गृहों, डाक बंगलों या अन्य सरकारी सुविधाओं का उपयोग किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार द्वारा चुनाव उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

सरकारी मीडिया द्वारा सत्तारूढ़ दल के पक्ष में राजनीतिक कहानियों और प्रचार की पक्षपातपूर्ण समाचार कवरेज करने पर सख्त रोक रहती है।

मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए जाति और सांप्रदायिक भावनाओं का फायदा उठाने, अफवाहें फैलाने और मतदाताओं को रिश्वत देने या डराने-धमकाने का प्रयास करने जैसी गतिविधियों की अनुमति नहीं है।

आदर्श आचार संहिता का इतिहास (History of Model Code of Conduct)

भारत में आदर्श आचार संहिता का प्रयोग पहली बार केरल में 1960 के विधानसभा चुनावों के दौरान किया गया था।

इसकी सफलता के बाद, चुनाव आयोग ने 1962 के लोकसभा चुनावों के दौरान इसे देश भर में लागू किया।

1991 के लोकसभा चुनावों के दौरान, चुनाव मानदंडों के बार-बार उल्लंघन और भ्रष्ट प्रथाओं पर चिंताओं के कारण चुनाव पैनल ने आदर्श आचार संहिता को और अधिक सख्ती से लागू करने का फैसला लिया।

लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखें (Lok Sabha Elections 2024 Dates)

चरण तारीख सीटें राज्य
पहला 19 अप्रैल 102 21
दूसरा 26 अप्रैल 89 13
तीसरा 07 मई 94 12
चौथा 13 मई 96 10
पांचवां 20 मई 49 8
छठा 25 मई 57 7
सातवां 01 जून 57 8
मतगणना 04 जून 543 सीटें  

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