कोलकाता दुर्गा पूजा: कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच नई गाइडलाइंस जारी, लगेंगे हजारों पंडाल

कोलकाता में कोरोना के बावजूद दुर्गा पूजा का उत्साह कम नहीं (Pic Crdit: Google)

कोलकाता में कोविड-19 के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए आयोजकों ने भीड़ से बचने के लिए पूजा दिनों के दौरान हर इलाके में होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द करने का निर्णय लिया है।

ये फैसला ऐसे समय में आया है जब डॉक्टरों ने ममता बनर्जी सरकार को चेतावनी दी है कि पूजा के दिनों के दौरान ढील दिए जाने से कोविड-19 मामलों में तीन-चार गुना का इजाफा हो सकता है।

उन्होंने केरल का उदाहरण दिया, जहां ओणम त्योहार के दौरान मामले तेजी से बढ़े थे और सरकार को लोगों को एक जगह एकत्रित होने से रोकने के लिए धारा 144 लागू करना पड़ी थी।

दुर्गा पूजा के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन की इजाजत नहीं

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दुर्गोत्सव फोरम के महासचिव शाश्वत बसु ने कहा, ‘इस साल हमने सभी पूजा समितियों से अनुरोध किया है कि वे किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन न करें, क्योंकि लोग कार्यक्रम का लुत्फ उठाने के लिए मंच के सामने बैठेंगे। मुख्यमंत्री ने हमसे हर कीमत पर भीड़ से बचने को कहा है।’

कोलकाता में कोविड-19 के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए आयोजकों ने भीड़ से बचने के लिए पूजा दिनों के दौरान हर इलाके में होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द करने का निर्णय लिया है।

डॉक्टरों ने दी दुर्गा पूजा के बाद सतर्कता बरतने की सलाह

ये फैसला ऐसे समय में आया है जब डॉक्टरों ने ममता बनर्जी सरकार को चेतावनी दी है कि पूजा के दिनों के दौरान ढील दिए जाने से कोविड-19 मामलों में तीन-चार गुना का इजाफा हो सकता है।

उन्होंने केरल का उदाहरण दिया, जहां ओणम त्योहार के दौरान मामले तेजी से बढ़े थे और सरकार को लोगों को एक जगह एकत्रित होने से रोकने के लिए धारा 144 लागू करना पड़ी थी।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दुर्गोत्सव फोरम के महासचिव शाश्वत बसु ने कहा, ‘इस साल हमने सभी पूजा समितियों से अनुरोध किया है कि वे किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन न करें, क्योंकि लोग कार्यक्रम का लुत्फ उठाने के लिए मंच के सामने बैठेंगे। मुख्यमंत्री ने हमसे हर कीमत पर भीड़ से बचने को कहा है।’

कोरोना काल में भी बंगाल में लगेंगे 37000 से ज्यादा पूजा पंडाल

इस साल पूरे राज्य में 37000 से ज्यादा पूजा पंडाल लगेंगे, जिनमे से अकेले 2500 पंडाल तो कोलकाता में ही लगेंगे जिनमें से 1700 का आयोजन महिलाओं द्वारा किया जाता है। इस लिस्ट में वे पूजा पंडाल शामिल नहीं हैं जो घरों और सोसाइटी में आयोजित होते हैं।

इस फोरम के अंतर्गत शहर के 370 से ज्यादा बड़ी और चर्चित पूजा पंडाल आते हैं, इनमें वो भी पंडाल शामिल हैं, जिनका सरंक्षण ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा किया जाता है।

दुर्गा पूजा से पहले कोलकाता में बढ़े कोविड-19 के मामले

त्योहारी सीजन जारी रहने और लोगों के पूजा शॉपिंग के लिए बाजारों में इकट्ठा होने से कोलकाता में पहले ही कोविड-19 के नए केस बढ़ गए हैं।

8 सितंबर को कोलकाता में जहां कोविड-19 के 380 मामले सामने आए थे तो वहीं 8 अक्टूबर को 765 नए मामले सामने आए। दुर्गा पूजा 23 अक्टूबर से शुरू हो रही है।

जुलाई मध्य में जब कोलकाता में हर दिन 400 से कम नए मामले सामने आ रहे थे तो फोरम ने पूजा आयोजकों के लिए क्या करें और क्या न करें की गाइडलाइंस जारी की थी। अब कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए डूज और डोंट की एक नई लिस्ट जारी की गई है।

पश्चिम बंगाल सरकार ने पहले से ही विसर्जन के बाद होने वाले कार्यक्रमों को को रद्द कर दिया है, जहां काफी भीड़ होती थी।

पूजा आयोजकों को पंडालों को हवादार और यथासंभव खुला रखने के लिए कहा गया है। सीएम बनर्जी पहले ही प्रत्येक पूजा समिति के लिए 50,000 रुपये की घोषणा कर चुकी हैं।

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