चुनाव आयोग हुआ सख्त, योगी आदित्यनाथ को 72 घंटे, मायावती को 48 घंटे प्रचार से रोका

योगी आदित्यनाथ और मायावती पर चुनाव आयोग हुआ सख्त

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा प्रमुख मायावती को सांप्रदायिक बयान देने के मामले में मंगलवार से अलग-अलग अवधि के लिये चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है। यह पहला मौका है जब किसी मुख्यमंत्री के प्रचार अभियान में हिस्सा लेने पर देशव्यापी रोक लगायी गयी है।

आयोग ने सोमवार को इस बारे में आदेश जारी कर योगी को मंगलवार (16 अप्रैल) को सुबह छह बजे से अगले 72 घंटे तक देश में कहीं भी किसी भी प्रकार से चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने से रोक दिया है। इसी तरह एक अन्य आदेश में मायावती को भी मंगलवार सुबह छह बजे से अगले 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है।

आयोग ने दोनों नेताओं के खिलाफ चुनाव प्रचार के दौरान सांप्रदायिकता से जुड़े़ बयान देने की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुये यह कार्रवाई की है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले अप्रैल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान आयोग ने भाजपा नेता गिरिराज सिंह को झारखंड और बिहार में प्रचार करने से रोका था। पिछले चुनाव के दौरान ही आयोग ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और सपा नेता आजम खान को उत्तर प्रदेश में प्रचार करने से रोका था।

आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने योगी के मामले में स्थिति को स्पष्ट करते हुये बताया कि यह पहला मौका है जब किसी मुख्यमंत्री को पूरे देश में निर्धारित अवधि के लिये चुनाव प्रचार करने से रोका गया हो। उन्होंने बताया कि योगी और मायावती अपने दलों के राष्ट्रीय स्तर पर स्टार प्रचारक हैं, इसलिये दोनों नेताओं को निर्दिष्ट अवधि के लिये देश भर में प्रचार करने से रोका गया है।

आयोग के प्रधान सचिव अनुज जयपुरिया द्वारा जारी आदेश में योगी और मायावती को कड़ी फटकार लगाते हुये कहा गया है कि दोनों नेता इस अवधि में किसी भी जनसभा, पदयात्रा और रोड शो आदि में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इतना ही नहीं वे प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में साक्षात्कार भी नहीं दे सकेंगे। मायावती को उत्तर प्रदेश के देवबंद में एक जनसभा के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से एक पार्टी को वोट नहीं देने की अपील करने पर आयोग ने चुनाव आचार संहिता का दोषी पाया था। जबकि योगी को मेरठ में एक जनसभा में ‘अली’ और ‘बजरंग बली’ से जुड़े विवादित बयान देने के कारण आचार संहिता का दोषी करार देते हुये भविष्य में ऐसे बयान नहीं देने की चेतावनी दी गयी थी।

उल्लेखनीय है कि दूसरे चरण के लिये 18 अप्रैल को होने वाले मतदान के मद्देनजर 16 अप्रैल को शाम पांच बजे से प्रचार अभियान थम जायेगा। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने भी चुनाव प्रचार के दौरान बसपा प्रमुख मायावती और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कथित रूप से विद्वेष फैलाने वाले भाषणों का सोमवार को संज्ञान लिया और निर्वाचन आयोग से जानना चाहा कि उसने इनके खिलाफ अभी तक क्या कार्रवाई की है।

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